Independence Day 2025 PM Modi’s Full Speech From Red Fort

Independence Day 2025 PM Modi’s Full Speech From Red Fort:- मेरे प्यारे देशवासियों [प्रशंसा] आजादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है. आजादी का यह पर्व सामूहिक सिद्धियों का गौरव का पल है और हृदय उमंग से भरा हुआ है. देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है. 140 करोड़ देशवासी आज तिरंगे के रंग मेंंगे हैं.. हर घर तिरंगा भारत के हर कोने से चाहे रेगिस्तान हो या हिमालय की चोटियां समंदर के तट हो या घनी आबादी वाले क्षेत्र हर तरफ से एक ही गुंज है. एक ही जयकारा है. हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है.

सन 47 में अनंत संभावनाओं के साथ कोटि कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ हमारा देश आजाद हुआ. देश की आकांक्षाएं उड़ाने भर रही थी. लेकिन चुनौतियां उससे भी कुछ ज्यादा थी. पूज्य बापू के सिद्धांतों पर चलते हुए संविधान सभा के सदस्यों ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण दायित्व निभाया. भारत का संविधान गत 75 वर्ष से एक प्रकाश स्तंभ बन के हमें मार्ग दिखाता रहा है.

Independence Day 2025 PM Modi’s Full Speech From Red Fort

भारत के संविधान निर्माता अनेक विध महापुरुष डॉ. राजेंद्र प्रसाद बाबा साहब अंबेडकर पंडित नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी इतना ही नहीं हमारी नारी शक्ति का भी योगदान कम नहीं था.कौनसा मेहता जी दाक्षानी बेला युधन जैसी विदेशियों ने भी भारत के संविधान को सशक्त करने में अपनी भूमिका निभाई थी. आज लाल किले की प्राचीन से देश का मार्गदर्शन करने वाले देश को दिशा देने वाले संविधान के निर्माताओं को आदर पूर्वक नमन करता हूं.

मेरे प्यारे देशवासियों हम आज डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती भी मना रहे हैं. डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले देश के पहले महापुरुष थे. संविधान के लिए बलिदान धारा 370 की दीवार गिराकर एक देश एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया तो हमने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी. लाल किले पर आज कई विशेष महानुभाव उपस्थित है.

दूर सुदूर गांव के पंचायतों के सदस्य हैं. रोम दीदी के प्रतिनिधि हैं। लखपति दीदी के प्रतिनिधि हैं। खेल जगत से जुड़े लोग हैं। राष्ट्र जीवन में कुछ ना कुछ देने वाले यहां महानुभाव उपस्थित हैं. एक प्रकार से यहां मेरी आंखों के सामने मैं लघु भारत के दर्शन कर रहा हूं.

और टेक्नोलॉजी के माध्यम से विशाल भारत के साथ भी आज लाल किला जुड़ा हुआ है. मैं आजादी के इस महापर्व पर देशवासियों का विश्व भर में फैलाए हुए भारत प्रेमियों का हमारे मित्रों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं. साथियों, प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है. पिछले कुछ दिनों में प्राकृतिक आपदाएं, भूस्खलन, बादलों का फटना ना जाने कितनी कितनी आपदाएं हम झेल रहे हैं. पीड़ितों के साथ हमारी संवेदना है.

राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर के बचाव के काम, राहत के काम, पुनर्वसन के काम में पूरी शक्ति से जुटे हुए हैं. साथियों आज 15 अगस्त का एक विशेष महत्व भी मैं देख रहा हूं. मुझे बहुत गर्व हो रहा है आज मुझे लाल किले की प्राचीन से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है. हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है. 

22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर के जिस प्रकार का कत्लेआम किया धर्म पूछपछ के लोगों को मारा गया. पत्नी के सामने पति को गोलियां दी. बच्चों के सामने अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया गया. पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था. पूरा विश्व भी इस प्रकार से संहार से चौक गया था.

 मेरे प्यारे देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है. 22 तारीख के बाद हमने हमारे सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें. समय भी वह चुने और हमारी सेना ने वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था. सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुस करके आतंकी हेड कार्टर्स को मिट्टी में मिला दिया. 

आतंकी इमारतों को खनहर बना दिया. पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है. पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. नई-नई जानकारियां आ रही है. मेरे प्यारे देशवासियों हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया हुआ है,देश के सीने को छलनी कर दिया गया है. अब हमने एक न्यू नॉर्मल प्रस्थापित किया. 

आतंकों और आतंकी को पालने पोसने वालों को आतंकियों को ताकत देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे. वो मानवता के समान दुश्मन है, उनके बीच कोई फर्क नहीं है. अब भारत ने तय कर लिया है इन न्यूक्लियर की धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं है, न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चलाया, अब वो ब्लैक मेल नहीं सहा जाएगा. 

आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, हमारी सेना तय करेगी. सेना की शर्तों पर सेना जो समय निर्धारित करे उस समय पर सेना जो तौर तरीके तय करे उस तौर तरीके से सेना जो लक्ष्य तय करे उस लक्ष्य को अब हम अमल में ला के रहने वाले हैं. हम मुंहतोड़ जवाब देंगे मेरे प्यारे देशवासियों, भारत ने तय कर लिया है खून और पानी एक साथ नहीं बहे. अब देशवासियों को भलीभांति पता चला है। कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है। कितना एक तरफा है. 

भारत से निकलती नदियों का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है। और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती पानी के बिना प्यासी है। ऐसा समझौता था जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। अब हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है। हिंदुस्तान के किसानों का है भारत कतई हिंदू समझौते को उस स्वरूप को दशकतों तक सहा है। उस स्वरूप को आगे नहीं सहा जाएगा। 

किसान हित में, राष्ट्र हित में यह समझौता हमें मंजूर नहीं है। मेरे प्यारे देशवासियों आजादी के लिए असंख्य लोगों ने बलिदान दी अपनी जवानी खपा दी। जेलों में जिंदगी गुजारी है। फांसी के तख्त पर बैठे हैं। कुछ लेने पाने बनने के लिए नहीं मां भारती के स्वाभिमान के लिए कोटि-कि जनों की आजादी के लिए गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए और मन में एक ही भाव था स्वाभिमान साथियों गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया। गुलामी ने हमें निर्धन निर्भर भी बना दिया।

औरों पर हमारी निर्भरता बढ़ती गई। हम सब जानते हैं आजादी के बाद कोटि-कोटि जनों के पेट भरना बड़ी चुनौती थी। कि यही मेरे देश के किसान हैं। जिन्होंने खून पसीना एक करके देश के अन्न के भंडार भर दिए। अनाज के समन में देश को आत्मनिर्भर बना दिया। एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्मनिर्भरता है। 

और मेरे प्यारे देशवासियों विकसित भारत का आधार भी है आत्मनिर्भर भारत। जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है और दुर्भाग्य तो तब बन जाता है जब निर्भरता की आदत लग जाए। पता ही ना चले। हम कब आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब किसी के निर्भर हो जाते हैं। ये आदत खतरे से खाली नहीं है।

और इसलिए प्रति पल जागरूक रहना पड़ता है आत्मनिर्भर होने के लिए और मेरे प्यारे दासवासियों आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात रुपए पैसे पाउंड डॉलर यहां तक सीमित नहीं है। इतना सीमित अर्थ उसका नहीं है। आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा हुआ है। और जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है तो सामर्थ्य भी निरंतर क्षीण होता जाता है। और इसलिए हमारे सामर्थ्य को बचाए रखने, बनाए रखने और बढ़ाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत अनिवार्य है। 

साथियों हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा है। मेड इन इंडिया की कमाल क्या थी? दुश्मन को पता तक ना चला ये कौन से शस्त्रास्त्र है? यह कौन सा सामर्थ है जो पलक भर में उनको नष्ट कर रहा है? सोचिए अगर हम आत्मनिर्भर होते ना होते तो क्या ऑपरेशन सिंधू इतनी त्वरित गति से हम कर पाते पता नहीं कौन सप्लाई देगा नहीं देगा ताजो सामान मिलेगा नहीं मिलेगा इसी की चिंता बनी रहती लेकिन हमें मेड इन इंडिया की शक्ति हमारे हाथ में थी। सेना के हाथ में थी।

इसलिए बिना चिंता, बिना रुकावट, बिना हिचकिचाहट हमारी सेना अपना पराक्रम करती रही। और यह पिछले 10 साल से लगातार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर हम एक मिशन लेकर के चले हैं। उसके नतीजे आज नजर आ रहे हैं। साथियों, मैं एक और विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। यह बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। 21वीं सदी टेक्नोलॉजी ड्रिवन सेंचुरी है। और जब टेक्नोलॉजी ड्रिवन है और इतिहास की तरफ नजर करें तो पता है इतिहास गवाह है।

जिनजिन देशों ने टेक्नोलॉजी में महारत हासिल की वो देश विकास की ऊंचाइयों को पार कर गए। शिखर पर पहुंच गए। आर्थिक शक्ति नए पैमाने पर पहुंचती गई। हम जब टेक्नोलॉजी के अलग-अलग आयामों की बात करते हैं तो मैं आपका ध्यान आकर्षित करता हूं सेमीकंडक्टर्स पर। उदाहरण के तौर पर बताता हूं। मैं यहां लाल किले से किसी भी की किसी सरकार की आलोचना करने के लिए खड़ा नहीं हुआ। वर नहीं मैं करना चाहता।

लेकिन देश की युवा पीढ़ी को जानकारी होना भी उतना जरूरी है। हमारे देश में 50 60 साल पहले सेमीकंडक्टर को लेकर के फाइलें शुरू हुई। 50 60 साल पहले फैक्ट्री का विचार चालू हुआ। आप मेरे नौजवानों जानकर के हैरान हो जाएंगे। आज सेमीकंडक्टर जो पूरी दुनिया की ताकत बन गया है। 50 60 साल पहले वो विचार वो फाइलें अटक गई। लटक गई अटक गई। 

सेमीकंडक्टर के विचार की ही भ्रूण हत्या हो गई। 50 60 साल गवा दिए। हमारे बाद कई देश सेमीकंडक्टर में आज महारत हासिल करके दुनिया में अपनी ताकत को प्रस्थापित कर साथियों आज हमने उस बोझ से मुक्त होकर के मिशन मोड में सेमीकंडक्टर के काम को आगे बढ़ाया है। छह अलग-अलग सेमीकंडक्टर के यूनिट्स जमीन पर उतर रहे हैं। चार नए यूनिट्स को हमने ऑलरेडी हरी झंडी दिखा दी है। ग्रीन सिग्नल दे दिया है।

और देशवासियों और मेरे खास करके नौजवानों और विश्व भर में भारत की टेक्नोलॉजी की ताकत को समझने वाले लोगों को भी कहना चाहूंगा इसी वर्ष के अंत तक मेन इंडिया भारत की बनी हुई भारत में बनी हुई भारत के लोगों द्वारा बनी हुई मेड इन इंडिया चीप्स बाजार बाजार में आ जाए। मैं दूसरा उदाहरण देना चाह रहा हूं। अब ऊर्जा के क्षेत्र में हम सब जानते हैं कि हम एनर्जी के लिए बहुत सारे देशों पर डिपेंडेंट है। पेट्रोल हो, डीजल हो, गैस हो, लाखों करोड़ रुपए हमें खर्च करके लाना पड़ता है।

हमें इस संकट से देश को आत्मनिर्भर बनाना, ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। हमने बीड़ा उठाया और आज 11 वर्ष में सोलर एनर्जी 30 गुना बढ़ चुकी है। हम नए-नए डैम बना रहे हैं ताकि हाइड्रो का विस्तार हो और हमें क्लीन एनर्जी की उपलब्ध हो। भारत मिशन ग्रीन हाइड्रोजन लेकर के आज हजारों करोड़ रुपया इन्वेस्ट कर रहा है। भविष्य ऊर्जा को ध्यान में रख के ऊर्जा के क्षेत्रों को ध्यान में रख के भारत न्यूक्लियर एनर्जी पर भी बहुत बड़े इनिशिएटिव ले रहा है। 

न्यूक्लियर एनर्जी में 10 नए न्यूक्लियर रिएक्टर तेजी से काम कर रहे हैं। 1947 तक क्योंकि हमने विकसित भारत का लक्ष्य तय किया है। जब देश की आजादी के 100 साल होंगे हम परमाणु ऊर्जा क्षमता 10 गुना से भी अधिक बढ़ाने का संकल्प लेकर के आगे बढ़ रहे हैं। मेरे प्यारे देशवासियों रिफॉर्म एक निरंतर प्रक्रिया है। समयानुकूल परिस्थिति के अनुसार रिफॉर्म करते जाना होता है। हम न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में बहुत बड़े रिफॉर्म लेकर के आए।

अब हमने प्राइवेट सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा को उसके द्वार खोल दिए हैं। हम शक्ति को जोड़ना चाहते हैं। मेरे प्यारे देशवासियों दुनिया जब आज ग्लोबल वार्मिंग के लिए चिंता करती है तब मैं विश्व को भी बताना चाहता हूं कि भारत ने तय किया था कि हम 2030 तक क्लीन एनर्जी भारत में 50% पहुंचा देंगे। यह लक्ष्य हमारा 2030 तक था। मेरे देशवासियों का सामर्थ्य देखिए। मेरे देशवासियों की संकल्प शक्ति देखिए। मेरे देशवासियों को विकसित भारत बनाने का संकल्प को पूर्ण करने के लिए उनकी दौड़ देखिए।

हमने जो लक्ष्य 2030 में तय किया था वह 50% क्लीन एनर्जी का लक्ष्य 2025 में हमने कर लिया। 5 साल पहले हमने अचीव कर लिया। क्योंकि विश्व के प्रति भी हम उतने ही संवेदनशील हैं। प्रकृति के प्रति भी उतने ही हम जिम्मेवार लोग हैं। मेरे प्यारे देशवासियों बजट का बहुत बड़ा हिस्सा यह पेट्रोल, डीजल, गैस इन सबको लाने के लिए खर्च होता था। लाखों करोड़ रुपए चले जाते थे। अगर हम ऊर्जा में डिपेंडेंट ना होते, वो धन मेरे देश के नौजवानों के भविष्य के लिए काम आता।

वो धन मेरे देश के गरीबों को गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने में काम आता। वो धन मेरे देश के किसानों के कल्याण में काम आता। वो धन मेरे देश के गांव की परिस्थिति को पलटने के लिए काम आता। लेकिन हमें विदेशों को देना पड़ रहा है। अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। देश को विकसित बनाने के लिए हम अब समुद्र मंथन की तरफ भी जा रहे हैं। हमारे समुद्र के मंथन को आगे बढ़ाते हुए हम समुद्र के भीतर के तेल के भंडार, गैस के भंडार उसको खोजने की दिशा में एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। और इसलिए भारत ने नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रहा है। 

ये ऊर्जा इंडिपेंडेंट बनने के लिए यह हमारी महत्वपूर्ण घोषणा है। मेरे प्यारे देशवासियों आज पूरा विश्व क्रिटिकल मिनरल को लेकर के बहुत ही सतर्क हो गया है। उसके सामर्थ्य को लोग भली-भांति समझने लगे हैं। कल तक जिस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं था वह आज सेंटर स्टेज पर आया है। हमारे लिए भी क्रिटिकल मिलर्स में आत्मनिर्भरता बहुत अनिवार्य है। एनर्जी का सेक्टर हो, इंडस्ट्री का सेक्टर हो, रक्षा क्षेत्र हो, टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र हो, आज क्रिटिकल मिनरल्स की टेक्नोलॉजी के अंदर बहुत अहम भूमिका है और इसलिए नेशनल क्रिटिकल मिशन हमने लांच किया है।

1200 से अधिक स्थानों पर खोज का अभियान चल रहा है और हम क्रिटिकल मिनरल में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मेरे प्यारे देशवासियों पे सेक्टर का कमाल तो हर देशवासी देख रहा गर्व से भर जा रहा और हमारे ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला पे स्टेशन से लौट चुके हैं और आने वाले कुछ दिनों में वो भारत भी आ रहे हैं। हम स्पेस में भी अपने दम पर आत्मनिर्भर भारत गगनयान की तैयारी कर रहे हैं। हम अपने बलबूते पर हमारा अपना स्टेशन बनाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।

और पिछले दिनों पेस में जो रिफॉर्म किए गए मुझे बहुत गर्व हो रहा है। मेरे देश के 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स आप सिर्फ और सिर्फ स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं। और उन 300 स्टार्टअप में हजारों नौजवान पूरे सामर्थ्य के साथ जुटे हैं। ये है मेरे देश के नौजवानों की ताकत और ये है हमारा हमारे देश के नौजवानों के प्रति विश्वास। मेरे प्यारे देशवासियों 140 करोड़ भारतवासी 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं। 

इस संकल्प की पूर्ति के लिए भारत आज हर सेक्टर में आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है और आधुनिक इकोसिस्टम हर क्षेत्र में हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। आज मेरा लाल किले की प्राचीर से मेरे देश के युवा वैज्ञानिकों को मेरे टैलेंटेड यूथ को मेरे इंजीनियर्स को और प्रोफेशनल्स को और सरकार के हर विभागों को भी मेरा आह्वान है क्या हमारा अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजीन हमारा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए?

हम फार्मा ऑफ द वर्ल्ड माने जाते हैं। वैक्सीन में हम नए-नए विक्रम स्थापित करते हैं। लेकिन क्या समय की मांग नहीं है? हम रिसर्च और डेवलपमेंट में और ताकत लगाएं। हमारे अपने पेटेंट हो। हमारी अपनी बनाई हुई मानव जाति के कल्याण की सस्ते से सस्ती और सबसे कारगर नईनई दवाइयों की शोध हो। हर संकट में साइड इफेक्ट के बिना मानव जाति के कल्याण में काम आए। बायो थ्री पॉलिसी भारत सरकार ने बनाई है। 

मैं देश के नौजवानों को कहता हूं आइए बायो थ्री पॉलिसी का अध्ययन करके अब कदम उठाइए। देश का भाग्य बदलना है। आपका सहयोग चाहिए। मेरे प्यारे देशवासियों आज आईटी का युग है। डाटा की ताकत है। क्या समय की मांग नहीं है?

PM Modi’s Full Speech From Red Fort

ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर के साइबर सुरक्षा तक। टिप टेक से लेकर के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सारी चीजें हमारी अपनी हो। जिस पर हमारे ही लोगों का सामर्थ्य जुटा हुआ हो। उनकी सामर्थ्य शक्ति का विश्व को परिचय करा है। साथियों आज दुनिया में सोशल मीडिया कहो बाकी प्लेटफार्म कहो दुनिया के प्लेटफार्म पर हम काम कर रहे हैं। दुनिया ने हमने दिखा दिया है।

UPI का हमारा प्लेटफार्म आज दुनिया को अजोबा कर रहा है। हमारे में सामर्थ्य है रियल टाइम ट्रांजैक्शन में 50% अकेला भारत यूपीआई के माध्यम से करता है। इसका मतलब कि ताकत है। क्रिएटिव वर्ल्ड हो, सोशल मीडिया हो, ये जितने भी प्लेटफॉर्म्स हैं, मेरे देश के नौजवानों, मैं चुनौती करता हूं आपको। आइए हमारे अपने प्लेटफार्म क्यों ना हो? हम क्यों दूसरों पर निर्भर रहे? क्यों भारत का धन बाहर जाए?

और मुझे आपके सामर्थ्य पर भरोसा है। मेरे प्यारे देशवासियों जैसे ऊर्जा के क्षेत्र में हम डिपेंडेंट हैं वैसा ही देश का दुर्भाग्य है कि फर्टिलाइजर उसमें भी हमें दुनिया पर निर्भर रहना पड़ता है। मेरे देश के किसान भी फर्टिलाइजर का सही उपयोग कर करके धरती माता की सेवा कर सकते हैं। अनाप शनाप उपयोग से भी धरती मां को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन साथ-साथ मैं देश के नवजवानों को कहना चाहता हूं। 

देश के उद्योग जगत को कहना चाहता हूं। देश के प्राइवेट सेक्टर को कहना चाहता हूं आइए हम फर्टिलाइजर के भंडार भर दें। हम नए-नए तौर तरीके खोजे और भारत की आवश्यकता के अनुसार हम अपना फर्टिलाइजर तैयार करें। हम औरों पर निर्भर ना रहे। साथियों आने वाला युग ईवी का है।

अब ईवी बैटरी क्या हम नहीं बनाएंगे? हम निर्भर रहेंगे। सोलर पैनल की बात हो, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए जिन जिन चीजों की आवश्यकताएं हैं, वह हमारी अपनी होनी चाहिए। साथियों, मैं ये इसलिए कहने की हिम्मत करता हूं। क्यों? क्योंकि मुझे देश के नौजवानों के सामर्थ्य पर भरोसा है। और भरोसा सिर्फ वो मेरे देश के नौजवान है। इतने मात्र से नहीं है।

कोविड के समय हम बहुत सारी चीजों पर निर्भर थे। मेरे देश के नौजवानों को कहा गया कि वैक्सीन हमारी अपनी चाहिए। देश ने करके दिखाया। कोविन प्लेटफार्म हमारा अपना होना चाहिए। देश ने करके दिखाया। करोड़ों करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाने का काम हमने किया है। वही स्पिरिट वही जज्बा हमें जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपना सब कुछ देना है।

अपना जो बेस्ट है वो हमें दे के रहना है। साथियों पिछले 11 साल में एंटरप्रेन्योरशिप उद्यमशीलता को बहुत बड़ी ताकत मिली। आज लाखों स्टार्टअप्स टिएर टू टिए थ्री सिटी में देश की अर्थ शक्ति को देश के इनोवेशन को ताकत दे रहे हैं। उसी प्रकार से मुद्रा योजना से हमारे देश के करोड़ों नौजवान उसमें भी हमारी बेटियां करोड़ों करोड़ों लोग मुद्रा से लोन लेकर के अपना खुद का कारोबार कर रहे हैं।

खुद तो अपने पैरों पर खड़े हुए हैं लेकिन औरों को भी पैरों पर खड़े रहने की ताकत देते हैं। वे भी एक प्रकार से हस्त व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर दे रही है। मेरे साथियों वमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप किसी का ध्यान नहीं था। पिछले 10 साल में वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप में कमाल करके दिखाया। आज उनके प्रोडक्ट दुनिया के बाजार में जाने लगे हैं। लाखों करोड़ों का कारोबार हमारे वुमेन सेल्फ हेल्प में। 

मैंने एक बार मन की बात में खिलौने की बात कही थी। हम करोड़ों करोड़ रुपए के खिले विदेश से लाते थे। मैंने ऐसे ही मन की बात पर कहा कि अरे मेरे देश के नौजवानों ऐसा भी करें क्या किलो भी भर देंगे और आज मैं गर्व से कहता हूं कि मेरा देश खिलौने एक्सपोर्ट करने लग गया है। यानी देश के सामर्थ्य को हर प्रकार के अवसर मिले। हर रुकावटों से मुक्ति मिले। उसको सर्वाधिक करने के लिए प्रेरित किया जाए।

देश कर सकता है। मैं देश के युवानों से कहता हूं आइए आप इनोवेटिव आइडियाज लेकर के। आपके आइडियाज को मरने मत देना। दोस्तों आज का आपका आईडिया हो सकता है आने वाली पीढ़ी का भविष्य बना सकता है। मैं आपके साथ खड़ा हूं। मैं आपके लिए काम करने के लिए तैयार हूं। आपका साथी बनके काम करना तैयार हूं। आप आइए हिम्मत जुटाइए। इनिशिएटिव लीजिए। जो युवा मैन्युफैक्चरिंग के बारे में सोचते हैं। आइए आगे बढ़िए। सरकार के नियमों में बदलाव करना है। मुझे बताइए।

अब देश रुकना नहीं चाहता है। 2047 दूर नहीं है। एक एक पल की कीमत है और हम एक भी पल गवाना नहीं चाहते। साथियों ये आगे बढ़ने का अवसर है। बड़े सपने देखने का अवसर है। संकल्प के लिए समर्पित होने का अवसर है। जब सरकार आपके साथ है और मैं स्वयं आपके साथ हूं। तब हम नया इतिहास बना सकते हैं। साथियों आज नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन पर बहुत तेजी से काम हो रहा है।

हमारे एमएसएमस उसका लोहा दुनिया मानती है। ये दुनिया में बड़ी-बड़ी चीजें बनती है ना। कुछ ना कुछ तो औजार हमारे देश के एमएसएमस के द्वारा जाते हैं। बड़े गर्व के साथ जाते हैं। लेकिन हम मैं कॉम्प्रहेंसिव इंटीग्रेटेड विकास की राह पर जाना चाहते हैं और इसलिए उनकी शक्ति बढ़े और उसमें भी मैंने पहले एक बार लाल किले से कहा था जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट आज कहना चाहता हूं कि हमें विश्व बाजार में अपने सामर्थ्य का लोहा मनवाना है तो हमें क्वालिटी में निरंतर नई ऊंचाइयों को पार कर।

दुनिया क्वालिटी को स्वीकार करती है। हमारी गुणवत्ता सबसे ज्यादा हो और सरकार के भी प्रयास हो। रॉ मटेरियल की उपलब्धि हो। हमारी प्रोडक्शन की कॉस्ट कैसे कम हो? हम उसमें दम रह रहे हैं। और साथियों हम सभी जो उत्पादन के क्षेत्र में लगे हैं उन सबका मंत्र होना चाहिए। दाम कम लेकिन दम ज्यादा हमारी हर प्रोडक्ट का दम ज्यादा हो लेकिन दाम कम हो। इस भाव को लेकर के हमें आगे बढ़ना है।

मेरे प्यारे देशवासियों आजादी के लिए अनगिनत लोगों ने बलिदान दिए हैं। मैंने पहले भी कहा जवानी खपा दी फा लटक गई। क्यों? स्वतंत्र भारत के लिए। 7500 साल पहले का वो कालखंड याद कीजिए। पूरा देश स्वतंत्र भारत के मंत्र को लेकर के जीता था। आज समय की मांग है। स्वतंत्र भारत का मंत्र लेकर के जीने वालों ने हमें स्वतंत्र भारत दिया। आज 140 करोड़ देशवासियों का एक ही मंत्र होना चाहिए। समृद्ध भारत। 

अगर कोटि-क कोटि लोगों के बलिदान से स्वतंत्र भारत हो सकता है तो कोटि-क कोटि लोगों के संकल्प से पुरुषार्थ से आत्मनिर्भर बनने से वोकल्प और लोकल की बात करने से स्वदेशी का मंत्र को जापने से समृद्ध भारत भी बन सकता है। वो पीढ़ी स्वतंत्र भारत के लिए खप गई थी। यह पीढ़ी समृद्ध भारत के लिए नए कदम उठाए। यही समय की मांग है। और इसलिए मैं आज बार-बार आग्रह करता हूं और मैं देश के सभी इन्फ्लुएंसर्स को कहना चाहता हूं इस मंत्र को आगे बढ़ाने में मेरी मदद कीजिए।

मैं सभी राजनीतिक दलों को, राजनेताओं को सबसे कहता हूं कि आइए यह किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं है। भारत हम सबका है। हम मिलकर के वोकल फॉर लोकल उस मंत्र को हर नागरिक के जीवन का मंत्र बनाएं। भारत में बनी हुई भारत के नागरिकों के पसीने से बनी हुई वो चीजें जिसमें भारत की मिट्टी की महक हो और जो भारत के आत्मनिर्भर के संकल्प को ताकत देता हो।

हम उसी को खरीदेंगे। हम उसी का उपयोग करेंगे। हम उस दिशा में आगे आए। यह हमारा सामूहिक संकल्प हो। देखते ही देखते हम दुनिया बदल देंगे। दोस्तों, मैं आज हर छोटे-मोटे व्यापारी को दुकानदार से आग्रह करना चाहता हूं। आपकी भी जिम्मेवारी है। हम छोटे थे। हमने कभी बाजार में देखा नहीं था कि शुद्ध घी की दुकान। ऐसे ही लिखा जाता था घी की दुकान।

लेकिन समय रहते लोग लिखने लगे शुद्ध घी की दुकान। मैं चाहता हूं देश में ऐसे व्यापारी आगे आए। ऐसे दुकानदार आए कि हां स्वदेशी माल बिकता है। वो बोर्ड लगा है। हम स्वदेशी का गर्व करने लगे। हम स्वदेशी मजबूरी में नहीं मजबूती के साथ उपयोग करेंगे। मजबूती के लिए उपयोग करेंगे और जरूरत पड़ी तो को मजबूर करने के लिए उपयोग करेंगे। यह हमारी ताकत होनी चाहिए। यह हमारा मंत्र होना चाहिए। मेरे प्यारे देशवासियों मुझे बहुत लंबे समय से सरकार में काम करने का अवसर मिला।

मैंने कई सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। सरकारों की मुसीबतों से भी मैं परिचित हूं। व्यवस्थाओं की मर्यादाओं से भी परिचित हूं। लेकिन उसके बावजूद भी हमारी जिम्मेवारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद ना करें। मैं बड़े अनुभव से कहता हूं। किसी दूसरे की लकीर छोटी करने के लिए अपनी ऊर्जा हमें नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। 

हम अगर अपनी लकीर लंबी करते हैं तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी। आज जब वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनों दिन बढ़ रहा है। तब समय की मांग है कि हम उन संकटों के रोते बैठने की जरूरत नहीं है। हिम्मत के साथ हम अपनी लकीर को लंबी करें। और मैं 25 साल के शासन के अनुभव से कह सकता हूं अगर यह रास्ता हमने चुन लिया हर किसी ने चुन लिया तो फिर कोई स्वार्थ हमें अपनी चंगुल में नहीं फंसा सकता है। मेरे प्यारे देशवासियों बीता दशक रिफॉर्म परफॉर्म ट्रांसफॉर्म कर रहा है। लेकिन अब हमें और नई ताकत से जूझना है।

पिछले दिनों हमने कई रिफॉर्म्स किए। एफडीआई हो, इंश्योरेंस कंपनी की बात हो, विश्व की यूनिवर्सिटीज को भारत के अंदर आम देने की बात हो, कई रिफॉर्म्स किए हैं। 4000 से ज्यादा अनावश्यक कंप्लायंसेस को हमने खत्म किया है। इतना ही नहीं 1500 से अधिक पुराने कानून जो बाबा आदम के जमाने के थे उन सबको हमने खत्म कर दिया है। हमने दर्जनों कानूनों को सरल करने के लिए संसद में जाकर के जनता के हितों को सर्वोपरि रखकर के बदलाव किए हैं।

इस बार भी ओ हल्ला के बीच लोगों तक बात पहुंची नहीं होगी। लेकिन एक बहुत बड़ा रिफॉर्म इनकम टैक्स एक्ट में हुआ है। करीब 280 से ज्यादा धाराएं हमने समाप्त करने का निर्णय किया है। और साथियों सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर ही रिफॉर्म नहीं हमने नागरिक के जीवन को भी आसान बनाने के लिए रिफॉर्म किए। इनकम टैक्स रिफंड की बात हो, रिफॉर्म का परिणाम है।

पेशलेस असेसमेंट की बात हो, रिफॉर्म का परिणाम है। 12 लाख तक आज इनकम टैक्स से मुक्ति दे देना। देश का जो भविष्य बनाने में उत्सुक है ऐसा मेरा मध्यम वर्ग का परिवार आज पुला नहीं समा रहा है। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि ₹1 लाख तक का इनकम टैक्स पर जीरो कर दिया जाएगा। आज कर लिया है। जब देश का सामर्थ्य बढ़ता है तो देशवासियों को लाभ अंग्रेजों के जमाने से दंड संहिता में हम दबे पड़े थे।

दंड का भय दिखा के जीवन चल रहा था। 75 साल आजादी के ऐसे ही गए। हमने दंड संहिता को खत्म कर दिया। न्याय संहिता को ले आए हैं। न्याय संहिता में भारत के नागरिक के प्रति विश्वास का भाव है। भारत के नागरिक के अंदर अपनेपन का भाव है। संवेदनशीलताओं से भरा हुआ है। हमने रिफॉर्म की यात्रा को तेज करने के लिए बीड़ा उठाया। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं।

मैं चाहता हूं देशवासियों देश के लिए कर रहा हूं। मैं मेरे लिए नहीं कर रहा हूं। किसी का बुरा करने के लिए नहीं कर रहा हूं। मेरे राजनीतिक दल मेरे प्रतिस्पर्धी साथी भी देश के इस उज्जवल भविष्य के लिए आगे आए। हमारा साथ दें। स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स की बात हो, रेगुलेटरी रिफॉर्म्स की बात हो, पॉलिसी रिफॉर्म की चर्चा हो, प्रोसेस रिफॉर्म की चर्चा हो, प्रोसीडरल रिफॉर्म्स करने की जरूरत हो, हर प्रकार के रिफॉर्म्स ये आज हमने मकसद बना करके चले हैं।

और मेरे प्यारे देशवासियों ने जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए हमें एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय किया है। यह टास्क फोर्स समय सीमा में इस काम को पूरा करें। वर्तमान नियम, कानून, नीतियां, नीतियां 21वीं सदी के अनुकूल, वैश्विक वातावरण में अनुकूल और भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के संदर्भ में नए सिरे से तैयार हो और उसका समय सीमा में अपना कार्य पूरा करने के लिए इस टास्क फोर्स की रचना की है।

साथियों यह रिफॉर्म के कारण जो नए लोग अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उनको तो हिम्मत मिलेगी। हमारे स्टार्टअप्स हो, हमारे लघु उद्योग हो, हमारे गृह उद्योग हो, उन उद्यमियों को उनकी कंप्लायंस कॉस्ट बहुत कम हो जाएगी और उसके कारण उनको एक नई ताकत मिलेगी। जो एक्सपर्ट की दुनिया में उनको लॉजिस्टिक सपोर्ट के कारण व्यवस्थाओं में बदलाव के कारण उनको एक बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। साथियों, ऐसे ऐसे कानून है हमारे देश में। छोटी-छोटी चीजों के लिए जेल में डालने के कानून है।

आप हैरान हो जाएंगे। किसी ने नजर नहीं दारी। मैं पूछे लगा हूं कि मेरे देश के नागरिकों को जेल में बंद करने वाले जो अनावश्यक कानून है वो खत्म होने चाहिए। हम संसद में पहले भी बिल लाए थे, इस बार भी ले आए हैं। साथियों इस दिवाली में आपकी डबल दिवाली का काम मैं करने वाला हूं। इस दिवाली में आपको एक बहुत बड़ा तोहफा देशवासियों को मिलने वाला है। पिछले आठ साल से हमने जीएसटी का बहुत बड़ा रिफॉर्म किया। पूरे देश में टैक्स के वर्णन को कम किया। 

टैक्स की व्यवस्थाओं को सरल किया और 8 साल के बाद समय की मांग है कि हम एक बार उसको रिव्यू करें। हमने एक हाई पावर कमेटी को बिठा के रिव्यु शुरू किया। राज्यों से भी विचार विमर्श किया। और मेरे प्यारे देशवासियों हम नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लेकर के आ रहे हैं। यह दिवाली के अंदर आपके लिए तोहफा बन जाएंगे। सामान्य मानवी की जरूरतों के टैक्स भारी मात्रा में कम कर दिए जाएंगे। बहुत बड़ी सुविधा बढ़ेगी। हमारे एमएसएम, हमारे लघु उद्यमी इनको बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।

रोजमर्रा की चीजें बहुत सस्ती हो जाएगी और उससे इकोनमी को भी एक नया बल मिलने वाला है। मेरे प्यारे देशवासियों आज देश तीसरी बड़ी इकॉनमी बनने के लिए समय तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम दरवाजे खटखटा रहे हैं। और बहुत तेजी से हम इसको अचीव भी कर लेंगे और कोई तो दिन होगा मैं आपके बीच आकर के लाल किले की प्राचिर से यह खबर भी सुनाऊंगा।

आज भारत की अर्थव्यवस्था और आर्थिक स्थिति को ले पूरी दुनिया आश्वस्त है। इतनी अस्थिरता के बीच आशा की किरण बना हुआ है भारत का। फाइनेंसियल डिसिप्लिन भारत की फाइनेंस की ऊर्जा संकट के घेरे में जब अर्थव्यवस्था पड़ी हुई है तब भारत से बाहर निकल गया यह भरोसा दुनिया में पनपा है। आज इनफ्लेशन कंट्रोल में है और एक एक्सचेंज रिजर्व हमारे बहुत मजबूत है। 

हमारे मैक इकोनॉमिक इंडिकेटर्स बहुत मजबूत है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भी लगातार भारत की सराह सराहना करती है। भारत की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा से ज्यादा विश्वास व्यक्त कर रही है। यह बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का लाभ मेरे देश के गरीबों को मिले। मेरे देश के किसानों को मिले। मेरे देश की नारी शक्ति को मिले। मेरे देश के मध्यम वर्ग को मिले। मेरे देश की विकास धारा को ताकत देने वाला बने।

उस दिशा में हम नए नए प्रयास आज युवाओं के लिए नए-नए सेक्टर में हमारे नवजवानों के लिए अवसर बन रहे हैं। स्किल डेवलपमेंट रोजगार, बड़ी-बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप इस पर एक बहुत बड़े स्तर पर अभियान चल रहा है। और इसलिए देश के नौजवानों आज मैं आपके लिए भी एक खुशखबर लेकर के आया। मेरे देश के नौजवानों के लिए आया। आज 15 अगस्त है।

आज 15 अगस्त के ही दिन मेरे देश के युवाओं के लिए ₹1 लाख करोड़ की योजना हम चालू कर रहे हैं। लागू कर रहे हैं। आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना आज ही 15 अगस्त को लागू हो रही है। यह आपके लिए बहुत खुशखबरी है। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले नौजवान को बेटे बेटी को ₹15,000 सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।

कंपनियों को भी नए रोजगार देने के अवसर जो भी ज्यादा जुटाएगा उनको भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना करीब करीब सा करोड़ नौजवानों को रोजगार के नए अवसर बनाएगी। मैं सभी नौजवानों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियों आज भारत में नारी शक्ति का लोहा हर कोई मानने लगा। बढ़ती इकॉनमी की लाभार्थी हमारी नारी है। 

लेकिन बढ़ती इकॉनमी को गति देने में भी हमारी नारी का बहुत बड़ा योगदान भी। हमारी मातृ शक्ति का योगदान है। हमारी स्त्री शक्ति का योगदान है। स्टार्टअप से लेकर स्पेस सेक्टर तक हमारी बेटियां छाई हुई है। खेल के मैदान में छाई हुई है। फौज में चमक रही है। आज गर्व के साथ नारी कंधे से कंधा मिलाकर के देश की विकास यात्रा में भागीदार हो रही। देश गर्व से भर गया। जब एनडीए की वुमेन कैडिट्स उनका पहला पास आउट हुआ था। पूरा देश गर्व से भर गया था।

सारे टीवी चैनल उसी के पीछे लगे हुए थे। कितने बड़े गौरव की पल थी। सेल्फ हेल्प ग्रुप 10 करोड़ सेल्फ हेल्प ग्रुप की बहनें। क्या कमाल कर रही है। नमो ड्रोन दीदी नारी शक्ति की एक नई पहचान बनी। गांव में मुझे एक बहन मिली। वह कहती मुझे अब तो गांव वाले पायलट कह करके बुलाते हैं। बड़े गर्व से कह रही है। ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। लेकिन उसका रतवा पैदा हुआ है।

साथियों हमने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया था। 3 करोड़ और मुझे आज संतोष है कि हम तेज गति से काम कर रहे हैं। समय से पहले 3 करोड़ का लक्ष्य पार कर लेंगे। और आज मैं खुशी से देश को बताना चाहता हूं कि मेरे नारी शक्ति का सामर्थ्य देखिए। देखते ही देखते 2 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी है।

आज कुछ लखपति दीदी हमारे सामने बैठी है। यह है मेरे सामर्थ्य और मेरा मेरा विश्वास है देश दोस्तों भारत की विकास यात्रा में उनकी भागीदारी बढ़ने वाली मेरे प्यारे देशवासियों मेरे देश के किसानों का भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। भारत के किसानों की मेहनत रंग ला रही है। पिछले साल अनाज के उत्पादन में मेरे देश के किसानों ने कि पुराने सारे विक्रम तोड़ दिए।

यह सामर्थ्य है मेरे देश का। उतनी ही जमीन लेकिन व्यवस्थाएं बदली, पानी पहुंचने लगा, अच्छे सीड्स मिलने लगे। किसानों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगी तो वो अपना सामर्थ्य देश के लिए बढ़ा रहा। आज भारत, दूध, दाल, जूट जैसे उत्पादन में नंबर वन है। दुनिया में। आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फिश प्रोड्यूसर मेरे मछवारा भाई बहनों की ताकत देखिए। इस प्रोड्यूशन में दुनिया में हम दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं। आज भारत, चावल, गेहूं, फल और सब्जी के उत्पादन में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है। 

साथियों आपको खुशी होगी मेरे देश के किसान जो पैदाइश देते हैं आज वो उत्पादन दुनिया के बाजार में पहुंच रहा है। ₹ लाख करोड़ रुपया एग्रो प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट हुआ है। ये मेरे देश के किसानों ने हमें ताकत दिखाई है। हम छोटे किसान हो, पशुपालक हो, मछुआरे हो, देश के विकास की अनेक योजनाओं का लाभ आज हम उन तक पहुंचा रहे हैं। 

पीएम किसान सम्मान निधि हो, रेन मोटर हार्वेस्टिंग हो, सिंचाई की योजनाएं हो, क्वालिटी सीड्स हो, फर्टिलाइजर की आवश्यकता हो, हर क्षेत्र में आज और किसान को एक भरोसा हो गया है। फसल बीमा का वो साहसिक बना रहा है। उसका परिणाम भी देश को मिल रहा है। जो पहले कल्पना की बात थी आज हकीकत बन गई है। देशवासियों हमारे देश के पशुधन को बचाने में हमें कोविड की वैक्सीन मुफ्त में मिली वह तो याद है लेकिन हम पशुधन के लिए भी अब तक 125 डोज मुफ्त में पशुओं को लगा चुके हैं।

फूट एंड माउथ डिसीज से मुक्ति पाने के लिए जो हमारा यहां उत्तर भारत में उसे खुरपका मुंह पका बीमारी कहते हैं। उसे बचाने के लिए 125 करोड़ डोज हम लगा चुके हैं और मुफ्त में लगा चुके हैं। हम खेती के मामले में देश के वो जिले जहां के किसान औरों से पीछे रह गए हैं। किसी न किसी कारण से 100 जिले ऐसे हैं जहां अपेक्षाकृत कम खेती है।

और इसलिए हमने 100 जिले आइडेंटिफाई किए हैं पूरे देश में से और वहां के किसानों को एमावर करना, किसानों को शक्ति देना, किसानों को मदद करने का एक अभियान चलाया है और इसके लिए पीएम धनधान्य कृषि योजना का आरंभ किया है। पीएम धनधान्य कृषि योजना वह देश के 100 जिले जहां थोड़ी सी भी मदद कर देंगे तो वहां का किसान भी भारत के अन्य किसानों की बराबरी कर देगा।

मेरे प्यारे देशवासियों भारत के किसान भारत के पशुपालक भारत के मछवारे लिए ये हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। भारत के किसान, भारत के मछुआरे, भारत के पशुपालक उनसे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनके खड़ा है।

भारत अपने किसानों, अपने पशुपालकों, अपने मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा। [प्रशंसा] प्यारे देशवासियों, गरीबी क्या होती है? मुझे किताबों में पढ़ना नहीं पड़ा है। मैं जानता हूं। सरकार में भी रहा हूं और इसलिए मेरी कोशिश रही है कि सरकार फाइलों में नहीं होनी चाहिए। सरकार देश के नागरिकों की लाइफ में होनी चाहिए। दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, उनके लिए सकारात्मक रूप से सरकारें प्रोएक्टिव हो, सरकारें प्रो पीपल हो। 

उस दिशा में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। समाज के हर जरूरत व्यक्ति के लिए कुछ लोगों को लगता है कि सरकार की योजनाएं पहले भी आती जी नहीं हम सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतार रहे हैं। सैचुरेशन पर बल देते हैं और सामाजिक न्याय का अगर कोई सच्चा सा सच्चा एजुकेशन है तो सेचुरेशन में है। जिसमें कोई हकदार छूटे नहीं। हकदार के घर तक सरकार जाए और उसे अपना हक की चीजें मिले। उसके लिए हम काम कर रहे हैं। जनधन अकाउंट जब खोले गए ना वो सिर्फ बैंक का अकाउंट सहायता नहीं है।

उसे एक स्वाभिमान मिला था कि बैंक के दरवाजे मेरे लिए भी खुलते हैं। मैं भी बैंक के दरवाजे में जाकर के टेबल पर हाथ रख के बात कर सकता हूं। यह विश्वास हमने जगाया है। आयुष्मान भारत ने बीमारी को सहने की आदत से मुक्ति दिलाने का और उनको अच्छे स्वास्थ्य के लिए मदद करने का काम और जब हम वरिष्ठ नागरिकों को ₹ लाख से ज्यादा मदद कर करके उनके आरोग्य की चिंता करते हैं। आज पीएम आवास 4 करोड़ गरीबों को घर मिलना मतलब जिंदगी के नए सपने वहां सकते हैं।

वो सिर्फ चार दीवारें नहीं है दोस्तों। रे पटरी वालों के लिए पीएम सोनिधि योजना जो कभी ब्याज के चक्कर में फंसा रहता था। आज पीएम सोनिधि से रेडी पटरी वाला भी और आपने देखा वो यूपीआई से पैसे लेता है। यूपीआई से पैसे देता है। यह बदलाव आखिरी व्यक्ति तक चिंता। लोगों की लाइफ में सरकार होनी चाहिए। उसी के कारण ये जमीन से जुड़ी योजनाएं बनती हैं और जमीन से जुड़ी योजनाएं जमीन पर उतरती हैं और जमीन से उतरी हुई योजनाएं जीवन में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम बन जाती है। 

एक समय था गरीब हो, पीड़ित हो, आदिवासी हो, वंचित हो, दिव्यांग हो, हमारी विधवा माताएं बहने हो, अपने हक के लिए दर-दर भटकते रहते थे। सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाते लगाते जिंदगी पूरी हो जाती। आज सरकार आपके दरवाजे पर आई है। सेचुरेशन के अप्रोच को लेकर के आती है। करोड़ों लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी काम हुआ है। साथियों, गरीबी हटाओ के नारे देश ने बहुत सुने हैं।

लाल किले से भी सुन और देश सुनसुन के थक गया था और देश ने मान लिया था कि गरीबी हट नहीं सकती है। लेकिन जब हम योजनाओं को गरीब के घर तक ले जाते हैं। विश्वास को गरीब के मन में हम पैदा करते हैं। तब मेरे देश के 25 करोड़ गरीब गरीबी को परास्त कर करके गरीबी से बाहर निकाल कर के एक नया इतिहास बनाते हैं। आज 10 करोड़ गरीब और 10 वर्ष में 25 करोड़ से ज्यादा गरीब गरीबी को परास्त कर करके गरीबी से बाहर निकले हैं। और एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है।

मेरे साथियों यह न्यू मिडिल क्लास और मिडिल क्लास एक ऐसी जुगलबंदी है जिसमें एस्पिरेशन भी है, एफर्ट भी है। वो देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा सामर्थ्य बनने वाली है। मेरे प्यारे देशवासियों बहुत ही निकट भविष्य में मेरे प्यारे देशवासियों बहुत ही निकट भविष्य में महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की 200वीं जयंती आ रही है। हम उस जयंती के समारोह शुरू करने जा रहे हैं और महात्मा ज्योतिबा फुले के सिद्धांत उन्होंने जो मंत्र दिए उसमें हमारे लिए प्रेरणा है। पिछड़े को प्राथमिकता।

पिछड़े को प्राथमिकता देते हुए हम परिवर्तन की ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहते हैं। हम इसके लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करना चाहते हैं। हम पारदर्शी नीतियों के द्वारा पिछड़ों को प्राथमिकता ये हम धरती पर उतारना चाहते हैं। हर पिछड़े के जीवन में उतारना चाहते हैं।

साथियों एड़ी पटरी वालों के लिए स्वनिधि योजना हो या हमारे हुनर वाले आज से काम करने वाले विश्वकर्मा योजना की बात हो आदिवासी में भी जो पिछड़े रह गए हैं उनके लिए पीएम जनम की योजना की बात हो हमारे पूर्वी भारत को विकास में पूरे देश के अंदर बराबरी में लाना और उनको नेतृत्व देने की दिशा में काम हो हम सिर्फ समाज पिछड़े हो उनकी चिंता तक अटकने वाले नहीं है। जो क्षेत्र पिछड़े हैं उनको भी हम प्राथमिकता देना चाहते हैं।

जो जिले पिछड़े रहे हैं हम उनको प्राथमिकता देना चाहते हैं। जो ब्लॉक पिछड़े रहे हैं उनको प्राथमिकता देना चाहते हैं। हमने 100 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट 500 एस्पिरेशनल ब्लॉक उसी मिशन में काम किया है। हमने पूर्वी भारत के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को बल दिया है। हमने पूर्वी भारत के जीवन को बदल करके देश की विकास यात्रा में भागीदार बनने का। मेरे प्यारे देशवासियों जीवन हर क्षेत्र में विकास होना चाहिए। विकास के लिए खेल का भी महत्व होता है।

और हमने और मुझे खुशी है कि एक जमाना था जहां बच्चे खेल में अगर समय लगाते हैं तो मां-बाप ज्यादा पसंद नहीं करते थे। आज एकदम से उलट गया है। अगर बच्चे खेल कूद में आगे आगे आते हैं, रुचि लेते हैं तो मां-बाप गर्व से भर जाते हैं। मैं इसे एक शुभ संकेत मानता हूं। मेरे देश के परिवार के अंदर खेल को प्रोत्साहन का वातावरण मैं देखता हूं। मेरा मन गर्व से भर जाता है। मैं इसे देश के भविष्य के लिए बहुत शुभ संकेत मानता हूं।

और साथियों इस खेल को बढ़ावा देने के लिए हमने नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी कई दशकों के बाद हम देश में खेलो भारत नीति को लेकर के आए हैं ताकि एक खेल जगत का सर्वांगीण विकास का प्रयास हो। स्कूल से लेकर के ओलंपिक तक हम एक पूरा इकोसिस्टम डेवलप करना चाहते हैं। चाहे कोचिंग की व्यवस्था हो, फिटनेस की बात हो, खेल के मैदान हो, खेल की व्यवस्थाएं हो, खेल के लिए आवश्यक साधन हो, लघु उद्योगों को भी खेल के साधन बनाने में मदद करने की बात हो।

यानी एक प्रकार से पूरा इको सिस्टम हम दूर दराज के बच्चों तक पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन साथियों जब मैं फिटनेस की बात करता हूं, जब मैं खेलकूद की बात करता हूं तो मैं एक चिंता भी आपके सामने रखना चाहता हूं। हमारे देश के हर परिवार को चिंता करनी चाहिए। मोटापा हमारे देश के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में लोग जो पंडित लोग हैं वो कहते हैं जो जानकार लोग कहते हैं हर तीसरे व्यक्ति में एक व्यक्ति मोटापे का शिकार होगा।

हमें मोटापे से बचना है। ओबेसिटी से बचना है। और इसलिए मैंने बाकी सब करना पड़ेगा। पहले एक छोटा सा सुझाव दिया था कि परिवार तय करें कि जब खाने का तेल घर में आएगा 10% कम ही आएगा और 10% कम ही उपयोग करेंगे और हम ओबेसिटी के खिलाफ लड़ाई को जीतने की दिशा में हम अपना योगदान देंगे मेरे प्यारे देशवासियों हमारा देश भाग्यवान है। हजारों साल की विरासत के हम धरी हैं और वो हमें निरंतर ऊर्जा मिलती है, प्रेरणा मिलती है। त्याग और तपस्या की राह मिलती है।

आज गुरु तेग बहादुर यह वर्ष गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी वर्ष है। देश की संस्कृति की रक्षा भारत के मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। मैं आज उनको नमन करता हूं। साथियों हमारी संस्कृति की ताकत हमारी विविधता है। हम विविधता को सेलिब्रेट करना चाहते हैं। हम विविधता को सेलिब्रेट करने की आदत बनाना चाहते हैं। यह हमारा गौरव है कि हमारा भारत मां का यह बगीचा कितने विविध प्रकार के फूलों से सजा हुआ है। कितनी विविधताएं हैं।

ये विविधता हमारे लिए एक बहुत बड़ा हमारी विरासत है। बहुत बड़ा गौरव है। हमने प्रयागराज के महाकुंभ में देखा भारत की विविधता को कैसे जिया जाता है। एक स्थान पर करोड़ों लोग, एक ही भाव, एक ही प्राण, एक ही प्रयास, दुनिया के लिए बहुत बड़ा अजूबा है। महाकुंभ की वह सफलता भारत की एकता की भारत के सामर्थ्य की दुहाई देती है। साथियों हमारा देश भाषाओं की विविधता से बहुत ही भरा हुआ है।

पुलकित है और इसीलिए हमने मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली, प्राकृत को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया है। और मेरा मत है हमारी भाषाएं जितनी विकसित होगी हमारी सभी भाषाएं जितनी समृद्ध होगी हमारी नॉलेज के सिस्टम को भी उतना ही बल मिलने वाला है। और हमारी वो ताकत है आज जब डाटा का जमाना है ना तो यह ताकत दुनिया के लिए भी बड़ी ताकत बन सकती है। इतना सामर्थ्य हमारी लैंग्वेज में हमें हमारी सभी भाषाओं पर गर्व होना चाहिए।

हमारी सभी भाषाओं के विकास के लिए हर किसी ने बनते हुए प्रयास करना चाहिए। साथियों पांडुलिपि में हमारे ज्ञान के भंडार पड़े हैं लेकिन उसके प्रति उदासीनता रही है। इस बार हमने ज्ञान भारतम योजना के तहत देश भर में जहां भी हस्तलिखित प्रांत है जहां पांडुलिपियां हैं सदियों पुराने जो दस्तावेज हैं उनको खोजखज करके आज की टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए उस ज्ञान की समृद्धि को आने वाली पीढ़ियों के लिए काम आए उस दिशा में काम कर रहे हैं।

मेरे प्यारे देशवासियों हमारा स्पष्ट मत है यह देश सिर्फ सरकारें नहीं बनाती है। यह देश राज्य सत्ता पर विराजमान लोग ही नहीं बनाते हैं। ये देश शासन की धुरा संभालने वाले नहीं बनाते हैं। यह देश बनता है कोटि-कोटि जनों के पुरुषार्थ से, ऋषियों के, मुनियों से, वैज्ञानिकों के, शिक्षकों के, किसानों के, जवानों के, सेना के, मजदूरों के हर किसी के प्रयास से देश बनता है। हर किसी का योगदान होता है। व्यक्ति का भी होता है। संस्थाओं का भी होता है। आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 साल की राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण स्वनिम पृष्ठ है। 

व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर के 100 साल तक मां भारती का कल्याण का लक्ष्य लेकर के लक्ष्यावधि स्वयंसेवकों ने मातृभूमि के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। सेवा समर्पण संगठन और अप्रतिम अनुशासन कि जिसकी पहचान रही है ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का ये सबसे बड़ा एनजीओ है एक प्रकार से 100 साल का उसका समर्पण का इतिहास है।

आज लाल किले की प्राचीन से 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूक स्मरण करता हूं और देश गर्व करता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा को और हमें प्रेरणा देता रहेगा। मेरे प्यारे देशवासियों, हम समृद्धि की ओर जा रहे हैं। लेकिन समृद्धि का रास्ता सुरक्षा से गुजरता है। पिछले 11 वर्षों में राष्ट्र सुरक्षा, राष्ट्र रक्षा, राष्ट्र के नागरिकों की रक्षा इन सभी मोर्चों पर हमने पूरे समर्पण भाव से काम किया है।

हम बदलाव लाने में सफल हुए हैं। यह देश जानता है कि हमारे देश का बहुत बड़ा जनजातीय क्षेत्र नक्सलवाद की चपेट में माओवाद की चपेट में पिछले कई दशकों से लहूलान हो चुका था। सबसे ज्यादा नुकसान मेरे आदिवासी परिवारों को हुआ। आदिवासी माताओं बहनों ने अपने सपने के होमहार बच्चों को खो दिया। नौजवान बेटे गलत रास्ते पर खींच लिए गए। भटकाए गए। उनकी जीवन को तबाह कर दिया गया। हमने फौलादी हाथ से काम लिया।

एक समय था कभी सवा सौ से ज्यादा जिलों में नक्सलवाद अपनी जड़े जमा चुका था। माओवाद की चंगुल में हमारे जनजातीय क्षेत्र हमारे जनजातीय नौजवान फंसे हुए थे। और आज सवा5 जिलों में से कम होते होते हम 20 पर ले आए हैं। उन जनजातीय समाज की सबसे बड़ी हमने सेवा की है। और आप देखिए एक जमाना था जब बस्तर को याद करते ही माओवाद नक्षलवाद बम बंदूक की आवाज सुनाई देती थी। उसी बस्तर में माओवा नक्सल से मुक्त होने के बाद जब बस्तर के नौजवान ओलंपिक करते हैं।

हजारों नौजवान भारत माता की जय बोल के खेल के मैदान में उतरते हैं। पूरा वातावरण उत्साह से भर जाता है। यह बदलाव देश देख रहा है। जो क्षेत्र कभी रेड कॉरिडोर के रूप में जाने जाते थे, वह आज विकास के ग्रीन कॉरिडोर बन रहे हैं। साथियों हमारे लिए गर्व की बात है। भारत के नक्शे में जिन क्षेत्रों को लहूलान कर दिया गया था, लाल रंग से रंग दिया गया था। हमने वहां संविधान कानून और विकास का तिरंगा फहरा दिया है। मेरे प्यारे देशवासियों ये भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का अवसर है।

साहब इन जनजातीय क्षेत्रों को नक्सल से मुक्त कर करके मेरे जनजातीय परिवार के नौजवानों की जिंदगी बचा करके हमने भगवान बिरसा मुंडा को एक सच्ची श्रद्धांजलि दी है। [प्रशंसा] मेरे प्यारे देशवासियों [संगीत] मैं आज देश के सामने एक चिंता एक चुनौती के संबंध में आगाह करना चाहता हूं। षड्यंत्र के षड्यंत्र के तहत सोची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है। 

एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं। और यह घुसपैठिए मेरे देश के नौजवानों की रोजी रोटी छीन रहे हैं। ये घुसपैठिए मेरे देश की बहन बेटियों को निशाना बना रहे हैं। ये बर्दाश्त नहीं होगा। यह घुसपैठिए भोलेभाले आदिवासियों को भ्रमित करके उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। यह देश सहन नहीं करेगा।

और इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों जब डेमोग्राफी परिवर्तन होता है सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफी में परिवर्तन होता है तब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संकट पैदा होता है। देश की एकता अखंडितता और प्रगति के लिए ये संकट पैदा सामाजिक तनाव के बीज बो देता है। और कोई देश अपना देश घुसपुटियों के हवाले नहीं कर सकता है। दुनिया का कोई देश नहीं कर सकता है। तो हम भारत को कैसे कर सकते हैं?

हमारे पूर्वजों ने त्याग और बलिदान से आजादी पाई है। हमें स्वतंत्र भारत दिया है। उन महापुरुषों के प्रति हमारा कर्तव्य है कि हम हमारे देश में ऐसी हरकतों को स्वीकार ना करें। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। और इसलिए मैं आज लाल किले की प्राचीर से कहना चाहता हूं हमने एक हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का निर्णय किया है। ये भीषण इस मिशन के द्वारा ये जो भीषण संकट नजर आ रहा है।

भारत में मंडरा रहा जो संकट है उसको निपटाने के लिए तय समय में सुविचारित सुनिश्चित रूप से अपने कार्य को करेगा। उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। मेरे प्यारे देशवासियों कल जन्माष्टमी का पावन पर्व है। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव देश में मनाया जाता है। साथियों जब मुझे भगवान श्री कृष्ण याद आते हैं तो हम देख रहे हैं कि पूरे विश्व में आज युद्ध के तौर तरीके बदल रहे हैं। हमने देखा है कि भारत युद्ध के हर नए तौर तरीकों को निपटने में समृद्ध है। हमने ऑपरेशन सिंदूर में दिखा दिया है।

टेक्नोलॉजी में जो भी महारत थी पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमारे एयरबेस पर हमारे संवेदनशील स्थानों पर हमारे आस्था के केंद्रों पर हमारे नागरिकों पर मिसाइल्स ड्रोन अनगिनत मात्रा में उन्होंने वार किया। देश ने देखा है लेकिन देश को सुरक्षित रखने के जो प्रयास पिछले 10 साल में हुए हैं उस ताकत का परिणाम था कि उनके हर हमले को हमारे जांबाजों ने और हमारी टेक्नोलॉजी ने तिनके की तरह बिखेर दिया। 

रत्ती भर नुकसान नहीं कर पाए और इसलिए जब युद्ध के मैदान में टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है। टेक्नोलॉजी हावी हो रही है। अब राष्ट्र की रक्षा के लिए देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें भी हमने जो आज महारत पाई है वो महारत का और विस्तार करने की जरूरत है। हमने आज जो महारत पाई है उसको लगातार अपग्रेडेड करते रहने की आवश्यकता है।

और इसलिए साथियों मैंने एक संकल्प लिया है। मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए। कोटि-कोटि देशवासियों के आशीर्वाद चाहिए। क्योंकि समृद्धि कितनी ही क्यों ना हो अगर सुरक्षा के प्रति उदासीनता बरतते हैं तो समृद्धि भी किसी काम की नहीं रहती और इसलिए सुरक्षा का महत्व बहुत बड़ा है और इसलिए मैं आज लाल किले की प्राची से कह रहा हूं आने वाले 10 साल में 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों जिनमें सामरिक के साथ-साथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल है। 

जैसे अस्पताल हो, रेलवे हो, जो भी आस्था के केंद्र हो उन्हें टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफार्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। यह सुरक्षा का कवच लगातार विस्तार होता जाए। देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करें। किसी भी प्रकार की टेक्नोलॉजी हम पर वार करने आ जाए। हमारी टेक्नोलॉजी उससे बेहतर सिद्ध हो। और इसलिए आने वाले 10 साल 2035 तक मैं ये राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार करना चाहता हूं। मजबूती देना चाहता हूं। आधुनिक बनाना चाहता हूं।

और इसलिए भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा पाकर के हमने श्री कृष्ण का जो सुदर्शन चक्र था उस सुदर्शन चक्र की राह को चुना है। आप में से बहुत लोगों को याद होगा जब महाभारत की लड़ाई चल रही थी। श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था। सूर्य प्रकाश को सुदर्शन चक्र से रोक दिया था और तब अर्जुन ने जो शपथ ली थी जयद्रथ का वध करने की उस प्रतिज्ञा को अर्जुन पूर्ण कर पाए थे। वो सुदर्शन चक्र के पराक्रम और रणनीति का परिणाम है।

अब देश सुदर्शन चक्र मिशन ल्च करेगा। ये मिशन सुदर्शन चक्र एक पावरफुल वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही करेगा लेकिन कई गुना ज्यादा दुश्मन पर हिट बैक करेगा। हमने भारत के इस मिशन सुदर्शन चक्र के लिए कुछ मूलभूत बातें भी तय की है। आने वाले 10 सालों में हम उसको प्रखरता से आगे बढ़ाना चाहते हैं। एक तो यह पूरी आधुनिक सिस्टम इसके लिए रिसर्च डेवलपमेंट उसकी मैन्युफैक्चरिंग हमारे देश में ही हो।

हमारे देश के नवजवानों के टैलेंट से हो। हमारे देश के लोगों के द्वारा बनी हो। दूसरा एक ऐसी व्यवस्था होगी जो वॉरफेयर के हिसाब से भविष्य में क्या-क्या संभावनाएं हैं उसका हिसाब किताब लगा के प्लस वन की स्ट्रेटजी वर्कआउट करेगी और तीसरा सुदर्शन चक्र की एक ताकत थी वो बहुत ही प्रिसाइस जहां जाना था वहीं जाता था और वापस श्री कृष्ण के पास लौट के आता था। 

अमित सुदर्शन चक्र के द्वारा भी टारगेटेड प्रिसाइज एक्शन के लिए भी व्यवस्था को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और इसलिए युद्ध के बदलते तौर तरीकों में राष्ट्र की सुरक्षा नागरिकों की सुरक्षा के लिए मैं बड़े प्रतिबद्धता के साथ इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए वचन देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियों जब हम लोकतंत्र की बात करते हैं, स्वतंत्र भारत की बात करते हैं तब हमारा संविधान हमारे लिए सर्वोत्त दीप स्तंभ होता है।

हमारा प्रेरणा का केंद्र होता है। लेकिन आज से 50 साल पहले भारत के संविधान का गला ग दिया गया था। भारत के संविधान के पीठ पर छुरा फोक दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया गया था। आपातकाल लगा दिया गया था। इमरजेंसी थोप दी गई थी। इमरजेंसी के 50 साल हो रहे हैं। देश की किसी भी पीढ़ी ने संविधान की हत्या के इस पाप को कभी भूलना नहीं चाहिए। संविधान की हत्या करने वाले पापियों को नहीं भूलना चाहिए और हमें भारत के संविधान के प्रति अपने समर्पण को और मजबूती देते आगे बढ़ना चाहिए वो हमारी प्रेरणा है।

मेरे प्यारे देशवासियों मैंने इसी लाल किले से पंच प्रण की बात कही थी। मैं आज लाल किले से फिर से एक बार मेरे देशवासियों का पुनः स्मरण जरूर करना चाहता हूं। विकसित भारत बनाने के लिए ना हम रुकेंगे, ना हम झुकेंगे। हम परिश्रम की परास्त काष्ठा करते रहेंगे और अपनी आंखों के सामने 2047 में विकसित भारत बना के रहेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों हमारा दूसरा प्राण है कि हम हमारे जीवन में हमारी व्यवस्थाओं में हमारे नियम कानून परंपराओं में गुलामी का एक भी कण अब बचने नहीं देंगे।

हम हर प्रकार की गुलामी से मुक्ति पा के ही रहेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे। हमारी इस पहचान का सबसे बड़ा आभूषण, सबसे बड़ा गहना, सबसे बड़ा मुकुट मणि हमारी विरासत है। हम विरासत का गर्व करेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों इन सबके लिए एकता यह मंत्र सबसे बड़ा शक्तिशाली मंत्र है और इसलिए एकता की डोर को कोई काट ना सके।

यह हमारा सामूहिक संकल्प होगा। मेरे प्यारे देशवासियों, मां भारती के प्रति कर्तव्य निभाना यह पूजा से कम नहीं है, तपस्या से कम नहीं है, आराधना से कम नहीं है। और उसी भाव से हम सब मातृभूमि के कल्याण के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए 2047 विकसित भारत के लक्ष्य को पार करने के लिए अपने आप को अपा देंगे। अपने आप को जौक देंगे। जो भी सामर्थ्य है कोई भी अवसर को छोड़ेंगे नहीं।

इतना ही नहीं नए अवसरों को निर्माण करेंगे और निर्मित करने के बाद हम 140 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य से आगे बढ़ते ही रहेंगे। बढ़ते ही रहेंगे। बढ़ते ही रहेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों हमें याद रखना है 140 करोड़ देशवासियों को याद रखना है। परिश्रम में जो तपा है परिश्रम में जो तपा है उसने ही तो इतिहास रचा है। परिश्रम में जो तपा है उसने ही तो इतिहास रचा है।

जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है। उसने ही समय को मोड़ा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है। उसने ही समय को मोड़ा है और समय को मोड़ देने का भी समय को मोड़ देने का भी यही समय है। सही समय है।

मेरे प्यारे देशवासियों एक बार फिर आप सबको आजादी के इस महान पर्व की अनेक शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलेंगे जय हिंद। जय हिंद। जय हिंद। जय हिंद। जय हिंद। जय हिंद। भारत माता की जय भारत माता की जय भारत माता की जय वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम बहुत-बहुत धन्यवाद.

Leave a Comment